काली रात -21-Jun-2025
काली रात
ये रात गुजर जाएगी ,
सुबह की किरणें आयेगी ।
होगा नया सवेरा फ़िर से,
जिंदगी नई राह दिखाएगी ।
कोयल गायेंगी गीत मीठी,
चिड़िया चह -चहाएंगी ।
सोई कलिया खिल जाएंगी,
हवा को, अपनी खुशबू से महाकाएंगी ।
कोमल खत्री, हज़ारीबाग़(झारखण्ड)।